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भामाशाह श्री नरसी जी कुलरिया ने 5 लाख रुपये श्री कृष्ण गोपाल गौशाला नागौर को गौ सेवार्थ में भेंट दिये

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आज #गौ_भक्त_ब्रह्मलीन_संतश्री_दुलारामजी_कुलरिया की पावन स्मृति में भामाशाह एवं समाजसेवी श्री भँवर जी एवं श्री नरसी जी कुलरिया अपने परिवार सहित श्री कृष्ण गोपाल गौशाला नागौर मे संतश्री दुलारामजी कुलरिया नाम से बनी पानी की प्याऊ का उद्घाटन किया एवं  श्री भँवर जी एवं श्रीनरसी जी कुलरिया द्वारा 5,00,000 पाँच लाख रुपय का चेक गौशाला के महाराज जी को दिया गया गौशाला सेवा समिति द्वारा कुलरिया परिवार का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया  राजस्थान के गौ भक्त ब्रह्मलीन संतश्री दुलारामजी कुलरिया कहते थे कि गौ सेवा एवं मानव सेवा से बड़ा कोई पुण्य नही है ।सब वेद पुराण गाय की महिमा गाते है, गाय की रक्षा करने स्वयं भगवान आते है। संतश्री के सुपुत्र समाजसेवी भँवर नरसी पुनम कुलरिया अपने पूजनीय पिताजी की तरहा गौ सेवा समाज सेवा एवं देश सेवा में हमेशा अग्रणी एवं तत्पर रहते हैं समस्त समाज की तरफ से कुलरिया परिवार द्वारा गौ सेवार्थ एवं मानव कल्याण कार्य के लिए हार्दिक आभार एवं अभिनंदन करते है 🌷🌷🌷

संत श्री दुलाराम जी कुलरिया राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मूलवास सीलवा का भूमि पूजन व शिलान्यास

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https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2797978273778122&id=1506500879592541   नरसी  इंटीरियर इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के तत्वावधान में संत श्री दुलाराम जी कुलरिया राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मूलवास सीलवा का भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह शुक्रवार को हुआ। कार्यक्रम में ब्रह्मलीन सन्त दुलाराम जी कुलरिया की धर्मपत्नी रामप्यारीदेवी, गौसेवी पदमाराम कुलरिया, उगमाराम कुलरिया, भँवर कुलरिया, नरसी कुलरिया, कानाराम कुलरिया, मोहित कुलरिया ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भूमि पूजन करवाया।  नरसी एसोसिएट के चेयरमैन नरसी कुलरिया ने बताया कि पिताजी संत श्री दुलाराम जी कुलरिया जिन्होंने गौ सेवा और समाज सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया, जिनकी समाज सेवा की प्रेरणा आज भी गांवों में मौजूद है। उनकी स्मृति में ही नरसी  इंटीरियर इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड मुंबई द्वारा ये चिकित्सालय भवन बनाया जा रहा है। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई व पालिका अध्यक्ष नारायण झंवर ने भी कुलरिया परिवार द्वारा करवाये गए कार्यो की सराहना की। कार्यक्रम में कुलरिया परिवार के सदस्य सहि...

संतश्री दुलाराम जी कुलरिया नाम से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

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बीकानेर /नोखा  मुलवास नोखा में बनेगा संतश्री दुलाराम जी कुलरिया नाम से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र | आज 27 नवंबर को होगा भूमी पूजन कार्य  #नरसी_ग्रुप_मुम्बई के  #चेयरमैन भामाशाह एवं समाजसेवी श्री नरसी जी कुलरिया एवं उनके सुपुत्र श्री जगदीश जी कुलरिया #डायरेक्टर नरसी ग्रुप द्वारा समाज सेवा एवं मानव सेवा के लिए बहुत बड़ा सराहनीय कदम  #समाजसेवी नरसी जी कुलरिया अपनी जन्मभूमि मुलवास में अपने पूजनीय पिताजी के नाम से बनाएंगे राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र  संतश्री दुलाराम जी कुलरिया राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह आज 27 नवम्बर को संतश्री दुलारामजी कुलरिया के सुपुत्र भामाशाह श्री भंवरजी श्री नरसी जी श्री पुनमजी कुलरिया एवं समस्त कुलरिया परिवार तथा गणमान्य समाज बंधुऔ की मौजूदगी में होगा। भामाशाह  श्री नरसी जी कुलरिया एवं श्री जगदीश जी कुलरिया ने बताया कि हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है हम गाँव के लोगों के लिए अच्छी सुविधा कर सके ताकि गाँव के लोगों को फायदा मिल सके कार्यक्रम दोपहर सवा बारह बजे आयोजित होगा। कार्यक्रम...

किसी सज्जन पुरुष ने समाजसेवी श्री नरसी जी कुलरिया द्वारा किए गये समाजसेवी कार्यों पर कुछ पंक्तियां प्रस्तुत की है जरूर पढ़े

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किसी सज्जन पुरुष ने समाजसेवी श्री नरसी जी कुलरिया द्वारा किए गये समाजसेवी कार्यों पर कुछ पंक्तियां प्रस्तुत की है जरूर पढ़े || जय श्री विश्वकर्मा भगवान || विश्वकर्मा समाज के गौरव श्रीमान नरसीराम जी सुथार कुलरिया जन्मभूमि सिलवा बीकानेर राजस्थान (कर्म भूमि मुंबई में नरसी समूह के डायरेक्टर है) और फर्नीचर एवं फिटिंग स्किल काउंसिल के को_चेयरमैन पद पर है आप विश्वकर्मा समाज के ऐसे भामाशाह है जिनकी समाज सेवा की लगन और दारवीरता का परिचय देखकर हजारों भामाशाह समाज सेवा में प्रोत्साहित होते हैं और बढ़ चढ़कर समाज सेवा करते है आप समस्त समाज बंधुऔ के प्रेरणास्त्रोत है समस्त समाज प्रेमी आपकी दारवीरता और गौ भक्ती के कायल है आपके द्वारा किए गये समाजहित कार्य देश एवं समाज के लिए हमेशा उदाहरण के रूप मे होते है आपके महान और दयालुता जीवन का परिचय आपने समूचे भारत में विश्वकर्मा समाज का इतना गौरव बढाया है कि आपकी शब्दो में जितनी तारिफ की जाये कम है आप किसी परिचय के मोहताज नहीं है समाज के प्रति आपकी सेवा आपकी दारवीरता आपका खुद परिचय दे रही है आप समस्त भारत में सम्मानित हो चुके हैं आपको विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्...

संत श्री दुलाराम जी कुलरिया || Sant Shri Dularam Ji Kularia||

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 संत श्री दुलाराम जी कुलरिया जिन्होंने गौ सेवा और समाज सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया, जिनकी समाज सेवा की प्रेरणा आज भी गांवों में मौजूद है। संतजी ने अपने सरलता से लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी दी, आज भले ही संतजी इस दुनिया में नहीं है, लेकिन वे लोगों के दिलों में राज करते है। गौ सेवक संत श्री दुलाराम जी कुलरिया का सरल और सादगीपूर्ण जीवन लोगों के लिएप्रेरणादायक बना। संतजी हमेशा सादा जीवन और उच्च विचारों पर जोर देते, सादगी और सरलता उनके पहनावे में झलकती थी। सफेद चोला और धोती का पहनावा ही उनकी पहचाना था। संतजी में आत्मविश्वास इतना था कि कठिन से कठिन काम करते थे लेकिन कठिन काम के आगे भी कभी हार नहीं मानी। आज भले ही संतजी इस दुनिया में नहीं है लेकिन करोड़ों लोगों की दिलों में संतजी जिंदा है। बीकानेर के नोखा तहसील के मूलवास सिलवा में वटवृक्ष से आज भी प्रेरणा लेते है। गौ सेवक संत श्री दुलाराम जी कुलरिया का जन्म 25 मई 1935 में मूलवास गांव में हुआ। संतजी का शुरू से ही आध्यात्मिक ज्ञान की ओर झुकाव रहा। संतजी कम उम्र में ही गायों की सेवा में लग गये,साथ ही धीरे-धीरे समाज सेवा में आगे बढ...

MUMBAI’S WOOD CHAMPION

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  Born in a Silwa, a small village near Nokha town located in the Bikaner district of Rajasthan, Mr Narsi Kularia now leads his INR400-crore (US$62 million) interiors firm and furniture manufacturing factory in Mumbai, India. Recently, Mr Kularia sat down with WoodNews for an exclusive interview, and reflected on the obstacles facing the wood industry then and now, as well as the many hidden gems of talent that can be uncovered in India. At the beginning of 1981, a young man with stars in his eyes made his way to Mumbai, dreaming of making a place for himself in the busy city. When he first set foot in the metropolis to scrape out a living, joining a smattering of relatives there, he only held his Class X (the equivalent of finishing elementary schooling) certificate academia-wise. However, he still had an edge; with him came his traditional, time-tested skills in carpentry that his ancestors had bequeathed him. He can trace his family line back four centuries into the past, when h...